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11 हजार छात्र-छात्राएं पढ़ाई बीच में ही छोड़ रहे हैं।



प्रदेश के सरकारी स्कूलों में आठवीं कक्षा के बाद प्रति एक लाख विद्यार्थियों में करीब 11 हजार छात्र-छात्राएं पढ़ाई बीच में ही छोड़ रहे हैं। माध्यमिक कक्षाओं में ड्राप आउट होने वालों में छात्राओं की संख्या अधिक है। सरकार भी इस हाल से चिंतित है। बच्चों को दोबारा स्कूल भेजने को शिक्षा विभाग अभिभावकों से गुहार लगाएगा। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम अभिभावकों को चिट्ठी भेजकर बच्चों की पढ़ाई बीच में न रोकने की अपील करेंगे।

सरकारी स्कूलों में छात्रसंख्या में बीते वर्षों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। इसमें भी चिंताजनक पहलू माध्यमिक कक्षाओं में ड्रॉप आउट बढ़ने के रूप में सामने आया है। कक्षा एक से आठवीं तक सरकारी स्कूलों में नामांकित बच्चों में बीच में ही पढ़ाई छोड़ने वालों का आंकड़ा 3.64 फीसद है।

आठवीं के बाद यानी नवीं से आगे ड्रॉप आउट का आंकड़ा बढ़कर करीब 10.94 फीसद तक बढ़ रहा है। स्कूल छोड़ने वालों में सर्वाधिक चंपावत जिले के हैं। इसके बाद दूसरे स्थान पर अल्मोड़ा है। इसके अलावा सबसे कम बच्चे देहरादून जिले में ड्रॉप आउट हो रहे हैं। इस जिले में यह आंकड़ा 5.38 फीसद है। वहीं, शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम का कहना है कि बीच में पढ़ाई छोड़ने वालों में छात्राएं सबसे अधिक हैं। इसके अलावा आठवीं के बाद छात्राएं स्कूल न छोड़ें, इसके लिए अभिभावकों को प्रेरित भी किया जाएगा। उनकी ओर से अभिभावकों को चिट्ठी भेजकर ड्रॉप आउट बच्चों को दोबारा स्कूल भेजने की अपील की जा रही है।

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