शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच तीन सप्ताह में पूरी कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए हैं।



नैनीताल हाईकोर्ट ने प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में फर्जी दस्तावेजों से नियुक्ति पाने वाले करीब साढ़े तीन हजार अध्यापकों के मामले में दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई की।

कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को प्रदेश के सभी शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच तीन सप्ताह में पूरी कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए हैं। पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने जिला, ब्लॉक और तहसील स्तर पर सभी शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच कर शपथपत्र पेश करने को कहा था।
राज्य सरकार की ओर से शपथपत्र पेश कर कहा गया कि सभी शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच कराने में डेढ़ साल का समय लगेगा। जिसके बाद कोर्ट ने तीन सप्ताह के भीतर जांच करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई के लिए दो नवंबर की तिथि नियत की गई है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि कुमार मलिमथ एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले में स्टूडेंट वेलफेयर सोसायटी हल्द्वानी ने याचिका दायर कर कहा था कि राज्य के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में करीब साढ़े तीन हजार अध्यापक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्त किए गए हैं।

इनमें से कुछ अध्यापकों की एसआईटी जांच में खचेड़ू सिंह, ऋषिपाल, जयपाल के नाम सामने आए, लेकिन विभागीय अफसरों की मिलीभगत के चलते इनको क्लीन चिट दे दी गई और ये अभी भी कार्यरत हैं।

संस्था ने इस प्रकरण की एसआईटी से जांच कराने की मांग की थी। पूर्व में राज्य सरकार ने शपथपत्र पेश कर कहा था कि इस मामले की एसआईटी जांच चल रही है। अभी तक 84 अध्यापक ऐसे सामने आए हैं, जिन्होंने जाली दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति पाई है। उन पर विभागीय कार्यवाही चल रही है।


लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -


👉 सच की आवाज  के समाचार ग्रुप (WhatsApp) से जुड़ें

👉 सच की आवाज  से टेलीग्राम (Telegram) पर जुड़ें

👉 सच की आवाज  के फेसबुक पेज़ को लाइक करें

👉 गूगल न्यूज़ ऐप पर फॉलो करें


अपने क्षेत्र की ख़बरें पाने के लिए हमारी इन वैबसाइट्स से भी जुड़ें -


👉 www.sachkiawaj.com


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *