उत्तराखंड के लिए पदकों की वर्षा करने वालों पर अब होगी धनवर्षा, 8.32 करोड़ रुपये देगी धामी सरकार
उत्तराखंड में हुए राष्ट्रीय खेलों में प्रदेश के खिलाडिय़ों ने शानदार प्रदर्शन किया। खिलाडिय़ों ने उत्तराखंड को पदक तालिका में सातवें स्थान पर लाकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर दी है। अब बारी सरकार की है। सरकार को इन खिलाडिय़ों से राष्ट्रीय खेल शुरू होने से पहले किया गया वादा पूरा करना है। यह वादा है पदक विजेताओं को दोगुना पुरस्कार राशि देने का। उत्तराखंड ने राष्ट्रीय खेलों में कुल 103 पदक जीते हैं। इनमें 24 स्वर्ण, 35 रजत और 44 कांस्य पदक शामिल हैं। सरकार ने स्वर्ण पदक पर 12 लाख, रजत पदक पर आठ लाख और कांस्य पदक पर छह लाख रुपये देने की घोषणा की है। इस लिहाज से राज्य का गौरव बढ़ाने वाले खिलाडिय़ों को सरकार 8.32 करोड़ रुपये देगी।
पदक विजेताओं के लिए स्वीकृत पुरस्कार राशि को किया था दोगुना
उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेल शुरू होने से पहले राज्य सरकार ने खिलाडिय़ों का हौसला बढ़ाने के लिए पूर्व में पदक विजेताओं के लिए स्वीकृत पुरस्कार राशि को दोगुना करने की घोषणा की थी। इसका शासनादेश भी जारी किया जा चुका है। सरकार का शुरू से ही लक्ष्य राष्ट्रीय खेलों में शीर्ष 10 राज्यों में शामिल होना रहा।
इसी कड़ी में खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करने के लिए यह कदम उठाया गया। इससे पूर्व खेल नीति में सरकार पदक विजेता खिलाडिय़ों को सरकारी सेवा में लेने की व्यवस्था कर चुकी है। सरकार के इस कदम ने निश्चित रूप से खिलाडिय़ों को बेहतर करने के लिए प्रेरित किया। इसका परिणाम पदक तालिका में बेहतरीन प्रदर्शन के रूप में स्पष्ट रूप से नजर आया।
पदकों के मामले में रिकार्ड तोड़ प्रदर्शन
उत्तराखंड ने राष्ट्रीय खेलों के इतिहास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और अंतिम दिन तक स्वर्ण पदक प्राप्त करने में सफलता पाई। खिलाडिय़ों में कुछ नाम ऐसे रहे, जिन्होंने पदकों के मामले में रिकार्ड तोड़ प्रदर्शन किया। इनमें पेंटाथलान प्रतियोगिता में तीन-तीन गोल्ड मेडल जीतने वाले सक्षम सिंह व ममता खाती शामिल हैं। एथलेटिक्स में अंकिता ध्यानी और क्याकिंग में पी सोनिया ने दो-दो स्वर्ण अपने नाम किए। वहीं, बैडमिंटन व एथलेटिक्स में कई खिलाडिय़ों ने एक से अधिक पदक जीते।