तीन लोग साइबर अपराधियों के जाल में फंस गए और लाखों रुपए गंवाने के बाद पुलिस के पास पहुंच गए
Three people fell into the trap of cyber criminals and reached the police after losing lakhs of rupees.
देहरादून: उत्तराखंड में साइबर ठगी के मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं. वहीं, दून में लोगों के साथ साइबर धोखाधड़ी के मामले भी ज्यादा हो गए हैं। देहरादून के विभिन्न थाना क्षेत्रों में साइबर लुटेरों ने लोगों को निशाना बनाया है। पीड़ितों के ठगे जाने के बाद रायपुर के दो और राजपुर के एक शहर में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की।
बिजली बिल घोटाला: बालावाला के अमित सिंह नेगी ने साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई क्योंकि उन्हें अपने मोबाइल फोन पर व्हाट्सएप के माध्यम से एक संदेश मिला कि उनका बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा क्योंकि उनका बिजली बिल अपडेट नहीं किया गया था। इसके बाद घोटालेबाजों ने बिजली बिल अपडेट करने के लिए एक नंबर मुहैया कराया। जब पीड़ित ने दिए गए नंबर पर कॉल किया, तो फोन करने वाले ने खुद को बिजली विभाग का कर्मचारी बताया और बिल अपडेट करने के लिए गूगल प्ले स्टोर से क्विक सपोर्ट एंड इलेक्ट्रिसिटी बिल अपडेट नामक ऐप डाउनलोड करने को कहा। ए अपलोड करते समय उनसे गूगल पे के माध्यम से 10 रुपये प्रोसेसिंग शुल्क का भुगतान करने के लिए कहा गया। इसके बाद खबर आई कि बैंक खाते से दो बार में 48,500 रुपये निकाल लिए गए हैं. पीड़िता की शिकायत के आधार पर रायपुर थाने में मामला दर्ज किया गया.
इलाज के नाम पर धोखाधड़ी: शिवाजी वाणी विहार एन्क्लेव के पूर्व सैनिक भरत सिंह रावत ने साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई कि पीड़ित को 6 दिसंबर, 2023 को एक व्हाट्सएप कॉल मिली और कॉल करने वाले ने खुद को विदेश से प्रकाश कटोच बताया। और उस नंबर के नीचे व्हाट्सएप करें। डीपी को पीड़ित सेना अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल प्रकाश कटोच की पहचान से भी जोड़ा गया था। ये पहले से ही प्रसिद्ध अधिकारी थे। फोन करने वाले ने कहा कि उसका नाम प्रकाश कटोच है और उसे आपकी मदद की जरूरत है। फोन करने वाले ने कहा कि मेरी बहन का ऋषिकेश के पास एक्सीडेंट हो गया है और उसे तत्काल मदद की जरूरत है।
बहन शायद आईसीयू में है, उनके साथ एक व्यक्ति है जो कि उनको देख रहा है. कहा कि जल्द पैसों की आवश्यकता है. अगर आप गूगल पे इस्तेमाल करते हो तो उसका नम्बर पर पे कर दो और आपको बाद में वापस कर दूंगा.उसके बाद जब पीड़ित ने घटनास्थल का डिटेल पूछी तो बताया गया कि देव सुमन अस्पताल आर्मी रोड नरेन्द्रनगर बताया. उसके बाद एक मैसेज में लिख कर एक नंबर भेजा. लेकिन कुछ ही देर में पीड़ित के पास प्रथमेश नाम के व्यक्ति का फोन आया और पीड़ित ने बहन के इलाज के लिए 50 हजार भेज दो.पीड़ित ने 50 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए. उसके बाद पीड़ित ने जब हालचाल पूछने के लिए फोन किया तो फोन नंबर बंद ऐया.पीड़ित की शिकायत के आधार पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ थाना रायपुर में मुकदमा दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है.
कोरियर के नाम पर ठगी: दिलीप मिश्रा निवासी कैनाल रोड़, किशनपुर ने साइबर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई है कि उसने एक बैंक एटीएम कार्ड अप्लाई किया था, जोकि स्पीड पोस्ट से प्राप्त होना था. पीड़ित ने गूगल से ट्रेकिंग कर आईडी डालकर कोरियर का स्टेटस जानने की कोशिश की तो लोकेशन लखनऊ दिखाया. जब मुझे दो दिन बाद भी कोई कोरियर नहीं मिला तो गूगल पर जाकर स्पीड पोस्ट ट्रैकिंग वेबसाइट पर अपना स्टेटस चेक किया. जब अपना ट्रैकिंग आईडी डाला तो उसमे एक फोन आया. उस नंबर पर कॉल किया तो फोन कर्ता ने बताया आपका कोरियर पहुंच गया था.आपको कॉल भी किया पर आपने उठाया ही नहीं तो आपका कोरियर रिटर्निंग में डाल दिया है.
कोरियर वापस मंगवाना है तो आपको 10 रुपए को चार्ज देना होगा वो भी आपको ऑनलाइन जमा करना होगा. फिर फोन कर्ता ने पीड़ित के नम्बर पर एक लिंक भेजा और उस लिंक पर क्लिक किया तो उसमे एक एप खुला और पीड़ित द्वारा जिसमें 10 रुपए ऑनलाइन पेमेंट कर दिया. फोन कर्ता ने कहा की 24 घंटे के अंदर आपको कोरियर मिल जाएगा. अगले दिन दोपहर में कॉल किया तो फोन कर्ता ने डिलीवरी बॉय को नंबर दिया. लेकिन उसके बाद डिलिवरी बॉय का कॉल आया और उसने बोला कि कोरियर देने में समय लगेगा।उसके कुछ देर बाद पीड़ित के खाते से 98999 रुपए कट गए. फिर 5 मिनट बाद 1000 रुपए कट गए. उसके बाद सारे नंबर बंद हो गए. पीड़ित की तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ थाना राजपुर में मुकदमा दर्ज कर पुलिस मामले की जांच तेज कर दी है.