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बीते 24 घंटे में 305 संक्रमित मामले मिले हैं।



कोरोना काल के तीन महीने बाद उत्तराखंड में एक भी संक्रमित मरीज की मौत नहीं हुई है। कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत थमने से सरकार व स्वास्थ्य विभाग को राहत मिली है। पहली बार प्रदेश की रिकवरी दर 92 प्रतिशत पहुंच गई है। बीते 24 घंटे में 305 संक्रमित मामले मिले हैं, वहीं 456 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया।

प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 61566 हो गई है। इसमें 56529 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। कोरोना से अब तक प्रदेश में 1009 संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है। पिछले महीने प्रदेश में एक ही दिन में 10 से ज्यादा मौतें हो रही थी।

इससे लोगों में भय बढ़ने के साथ ही सरकार भी चिंतित थी। कोरोना का इलाज करने वाले निजी अस्पतालों के साथ मौतें रोकने के लिए रणनीति बनाई गई। इसके बाद कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत में कमी आई है। तीन महीने के बाद प्रदेश में एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है। ऐसी स्थिति 26 जुलाई को थी, जब एक दिन में एक भी संक्रमित मरीज की मौत नहीं हुई थी।

आज सबसे ज्यादा देहरादून में 78, नैनीताल, पौड़ी में 33-33, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर व टिहरी में 24-24, चमोली में 22, रुद्रप्रयाग में 21, पिथौरागढ़ में 14, बागेश्वर में 10, उत्तरकाशी व अल्मोड़ा में आठ-आठ और चंपावत जिले में छह कोरोना संक्रमित मिले हैं।

तीन दिन में आठ मौतें:
प्रदेश में कोरोना से जहां पहले एक ही दिन में 10 से अधिक मरीजों की मौतें हो रही थी। वहीं, तीन दिन में आठ मौतें हुई है। कोरोना संक्रमण थमने के साथ ही अब मौत का ग्राफ पर कम हो रहा है। कोरोना से जंग में प्रदेश के लिए यह अच्छे संकेत हैं। वर्तमान में प्रदेश की मृत्यु दर 1.63 प्रतिशत है।

कोरोना से मृत्यु दर रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। सरकार की ओर से सरकारी व निजी अस्पतालों को संक्रमितों का इलाज ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के अनुसार करने के सख्त निर्देश दिए हैं। रिकवरी दर में सुधार के साथ ही मृत्यु दर में कमी आई है।
-अमित नेगी, सचिव स्वास्थ्य 

कोरोना से बचाव को पैदल मार्च कर चलाएं जागरूकता अभियान:
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए त्योहारी सीजन में और सजग व सतर्क रहने की जरूरत है। त्योहारों के समय बाजारों में भीड़ बढ़ेगी। ऐसे में मास्क का इस्तेमाल व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। लोगों को जागरूक करने के लिए अनुशासित तरीके से पैदल मार्च कर जागरूकता अभियान चलाया जाए। मास्क न पहनने पर सिर्फ चालान करना मकसद नहीं होना चाहिए। बल्कि जो लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं, उन्हें मास्क उपलब्ध कराके जागरूक किया जाए।

बृहस्पतिवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री ने कोरोना की रोकथाम व बचाव कार्यों की समीक्षा की। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वर्दीधारी वाले विभाग पुलिस, वन विभाग के अलावा मीडिया, सामाजिक संगठन, कर्मचारी संगठन, छात्र संगठन, महिला समूह, किसान संगठन और कोविड विनर्स के माध्यम से पैदल मार्च कर लोगों को जागरूक किया जाए।

दो नवंबर से स्कूलों में 10वीं और 12वीं की कक्षाएं शुरू होंगी। कॉलेजों में प्रधानाचार्य, शिक्षक व कर्मचारी सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क की अनिवार्यता का पालन कराना सुनिश्चित करेंगे। सार्वजनिक स्थानों, पर्यटक स्थलों पर जागरूकता के लिए वॉल पेंटिंग कराई जाए।

मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि कोरोना के लक्षण पाए जाने पर शीघ्र कंट्रोल रूम व हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें। सभी जिलों से फ्रंट लाइन वर्कर, संक्रमित, बुजुर्ग व गर्भवती महिलाओं की सूची अपडेट रखी जाए। लंबित सैंपलों की जांच में तेजी लाई जाए। भीड़ वाले स्थानों व कार्यालयों में थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य रूप से की जाए।

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