दून-हरिद्वार-ऋषिकेश के बीच मेट्रो चलाने के लिए योजना तो तैयार है।
दून-हरिद्वार-ऋषिकेश के बीच मेट्रो चलाने के लिए योजना तो तैयार है लेकिन अभी सरकार की हरी झंडी का इंतजार है। उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन ने पहले चरण में 73 किलोमीटर मेट्रो की योजना पर काम पूरा कर लिया है। वहीं, सरकार यातायात के अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रही है।
उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन के सर्वेक्षण के मुताबिक, पहले चरण में हरिद्वार से ऋषिकेश और देहरादून में आईएसबीटी तक कुल 73 किलोमीटर लंबा मेट्रो ट्रैक बनना है। इसका सबसे पहला स्टेशन ज्वालापुर, हरिद्वार में पुल जटवाड़ा के पास बनेगा। ज्वालापुर से मेट्रो हरिद्वार शहर के अंदरूनी हिस्सों से गुजरेगी।
रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, हर की पैड़ी के पास से होकर हरिद्वार-ऋषिकेश मार्ग के समानांतर निकलते हुए इस मेट्रो का अंतिम छोर ऋषिकेश में चंद्रभागा पुल के पास होगा और हरिद्वार से ऋषिकेश के बीच मेट्रो तकरीबन 32 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर कुल 10 स्टेशन बनाए जाएंगे।
दूसरे चरण में नेपाली फार्म में एक एक्सचेंज स्टेशन बनेगा, जहां से देहरादून के लिए एक अलग लाइन शुरू होगी। जिसका दूसरा छोर देहरादून के आईएसबीटी के पास होगा। नेपाली फार्म से आईएसबीटी तक भी 41 किलोमीटर लंबा ट्रैक बनेगा, जहां कुल दस स्टेशन बनाए जाएंगे।
आमतौर पर एक से डेढ़ किलोमीटर दूरी पर एक स्टेशन बनाया जाता है। डीएमआरसी की शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक देहरादून आईएसबीटी से नेपाली फार्म और फिर हरिद्वार से ऋषिकेश के बीच प्रस्तावित ट्रैक नेशनल हाईवे के साथ-साथ बनेगा। पूरा मेट्रो ट्रैक एलिवेटेड (रोड के ऊपर) बनेगा, जिससे प्रोजेक्ट की लागत कम आएगी।
मोनो रेल सहित कई विकल्पों पर भी विचार:
चूंकि मेट्रो रेल के प्रोजेक्ट के लिए करीब 84 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। राज्य के लिए इतना भारी भरकम खर्च चुनौती है। लिहाजा, सरकार दूसरे सस्ते और तेज यातायात के विकल्पों पर भी विचार कर रही है। हालांकि, इस दिशा में अभी कोई रास्ता साफ नहीं हुआ है।
मेट्रो रेल के 73 किलोमीटर ट्रैक को लेकर सर्वेक्षण पूरा हो चुका है। अभी प्रोजेक्ट को सरकार से हरी झंडी नहीं मिली है। अगर अनुमति मिलती है तो प्रोजेक्ट के हिसाब से ही भूमि अधिग्रहण से लेकर बाकी सभी काम होंगे। कारपोरेशन को भी इंतजार है।
– जितेंद्र त्यागी, एमडी, उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड