राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन ने जंगल सफारी का किराया बढ़ाने से साफ इनकार किया है।
पार्क प्रशासन का कहना है कि 36 किलोमीटर की सफारी के लिए 2350 रुपये किराया लिया जा रहा है, जो पर्याप्त है। टाइगर रिजर्व निदेशक डीके सिंह का कहना है कि सफारी संचालकों ने पर्यटकों से ज्यादा वसूली की तो उनके लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे।
बता दें कि राजाजी टाइगर रिजर्व सफारी वेलफेयर सोसायटी के पदाधिकारियों की बैठक में इस बात पर सहमति बनी थी कि सफारी का किराया 2350 रुपये से बढ़ाकर 3250 रुपये किया जाए। सोसायटी के पदाधिकारियों का कहना है कि पूर्व में पार्क प्रशासन के अधिकारियों की बैठक में इस बात पर सहमति बनी थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है। सफारी वेलफेयर सोसायटी के महासचिव शशि राणाकोटी का कहना है कि महंगाई को देखते हुए पार्क प्रशासन को सफारी के किराए में बढ़ोतरी करनी चाहिए।
वहीं, राजाजी टाइगर रिजर्व निदेशक डीके सिंह का कहना है सफारी के किराए में बढ़ोतरी की इजाजत नहीं दी जा सकती। 36 किलोमीटर की सफारी के एवज में पर्यटकों से 2350 रुपये बतौर किराया वसूला जा रहा है, जो पर्याप्त है। कहा कि यदि सफारी से जुड़े संचालकों ने मनमाने तरीके से किराए में बढ़ोतरी की तो उनके लाइसेंस निरस्त किए जायेंगे।