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एम्स में शुरू होगा एरो मेडिकल एंबुलेंस सर्विस कोर्स



आपदा या किसी दुर्घटना की स्थित में यदि मरीज को समय रहते प्राथमिक उपचार ठीक से मिल जाए तो मृत्यु दर के आंकड़ों को कम किया जा सकता है। आमतौर पर एंबुलेंस के साथ नियुक्त स्टाफ इस काम में प्रशिक्षित होता है, लेकिन उत्तराखंड में इससे दो कदम आगे हेली मेडिकल एंबुलेंस सेवा के स्टाफ को भी इस काम में दक्ष बनाया जाएगा। इसके लिए शीघ्र अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश अंतरराष्ट्रीय एरो मेडिकल एंबुलेंस सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने जा रहा है। इसका फायदा उत्तराखंड ही नहीं, देश और दुनिया के अन्य देशों को भी मिलेगा। खास बात यह है कि इस कोर्स के शुरू होने के बाद भारत यूएस, जापान, इस्राइल सहित दुनिया के चुनिंदा देशों की श्रेणी में शुमार हो जाएगा।

एम्स के निदेशक प्रो. रविकांत और विभागाध्यक्ष प्रो. कमर आजम के निर्देशन में डॉ. मधुर उनियाल, डॉ. शालिनी राव और अरुन वर्गेश ने एरो मेडिकल एंबुलेंस सर्विस कोर्स की रूपरेखा तैयार कर ली है। इसे मैनेजमेंट इन ट्रामा एंड एक्यूट इमरजेंसी सिम्यूलेशन, एजुकेशन एंड प्रेक्टिस नाम दिया गया है। इसके तहत यूएस में स्थित दुनिया के पहले ट्रामा सेंटर आर एडम काउलि शॉक ट्रामा सेंटर और इस्राइल के रमबम हेल्थ केयर सेंटर (यूनिवर्सिटी) के साथ एमओयू किया गया है।

दोनों संस्थान एम्स ऋषिकेश को एरो मेडिकल एंबुलेंस सर्विस कोर्स शुरू कराने में मदद करेंगे। कोर्स के पाठ्यक्रम पर काम कर रहे डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि एम्स ऋषिकेश के परिसर में एयर एंबुलेंस सेवा के तहत पहले ही हेलीपैड का निर्माण किया जा चुका है, जो बेहतर तरीके से काम कर रहा है। उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों और हर वर्ष घटित होने वाली आपदाओं को देखते हुए आज नहीं तो कल हेली एंबुलेंस सेवाओं को बढ़ाना ही होगा, लेकिन इससे पहले हमें प्रशिक्षित स्टाफ की जरूरत पड़ेगी।

आपदा के स्थिति में मृत्यु दर को किया जा सकेगा कम:
एरो मेडिकल एंबुलेंस सर्विस कोर्स के पाठ्यक्रम पर काम कर रहे डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि उन्होंने सर्टिफिकेट कोर्स का पूरा खाका तैयार कर लिया है। शीघ्र ही इसे शुरू किया जाएगा। संस्थान में इस कोर्स के शुरू होने से उत्तराखंड में आपदा की स्थिति में ट्रामा पेशेंट के साथ ही ब्रेन स्ट्रोक, हार्ट अटैक, अंग प्रत्यारोपण और मातृ मृत्यु दर को कम करने में मदद मिलेगी।

राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले गंभीर मरीजों को तुरंत स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए इस सेवा से जोड़ने के उद्देश्य से ही हेली एंबुलेंस की परिकल्पना की गई थी, लेकिन यह तभी साकार हो पाएगी, जब हम इस सेवा से जुड़े तमाम पहलुओं और इसकी जरूरतों को पूरा करें। एरो मेडिकल एंबुलेंस सर्विस कोर्स निसंदेह आने वाले दिनों में एडवांस चिकित्सकीय जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान निभाएगा।
-प्रो. रविकांत, निदेशक, एम्स ऋषिकेश

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