उत्तराखंडताज़ा ख़बरेंदेहरादूनन्यूज़भारत

जोशीमठ भूधंसाव पर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी चिंतित, मुख्यमंत्री समेत अन्य नेताओं से ली जानकारी

पौराणिक एवं आध्यात्मिक नगरी जोशीमठ पर आए संकट को लेकर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी चिंतित है। दिल्ली में सोमवार से शुरू हुई राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक के दौरान पार्टी के केंद्रीय नेताओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत राज्य के अन्य नेताओं से जोशीमठ के भूधंसाव और इस शहर को सुरक्षित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी ली।

भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति में भाग लेने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, विजय बहुगुणा, त्रिवेंद्र सिंह रावत व तीरथ सिंह रावत, पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज दिल्ली पहुंचे हैं।
सोमवार शाम को राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक शुरू होने से पहले केंद्रीय नेताओं के साथ ही विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों व अन्य प्रतिनिधियों ने जोशीमठ की स्थिति की जानकारी राज्य के नेताओं से ली। यद्यपि, पहले दिन जोशीमठ को लेकर चर्चा का कोई विषय नहीं था, लेकिन अधिकांश नेताओं ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री समेत अन्य नेताओं के साथ इसे लेकर अनौपचारिक रूप से चर्चा की।

मंत्री पद भरने व दायित्व वितरण पर हो सकती है चर्चा:
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक मंगलवार को भी चलेगी। माना जा रहा है कि बैठक समाप्त होने के बाद शाम को मुख्यमंत्री धामी, प्रदेश अध्यक्ष भट्ट व प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार पार्टी के केंद्रीय नेताओं के साथ अलग से मुलाकात कर सकते हैं। इस दौरान राज्य मंत्रिमंडल में रिक्त चल रहे तीन मंत्री पदों को भरने के अलावा विभिन्न निगमों, प्राधिकरणों व आयोगों में मंत्री पद के समकक्ष वाले अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के पदों का दायित्व देने के संबंध में चर्चा कर इस पर मुहर लगाई जा सकती है।
यदि ऐसा हुआ तो गणतंत्र दिवस से पहले कुछ विधायकों को मंत्री पद तो काफी संख्या में भाजपा नेताओं की दायित्व पाने की आस पूरी हो सकती है। दायित्व वितरण के लिए भाजपा का प्रांतीय नेतृत्व पहले ही सौ से ज्यादा नेताओं की सूची तैयार कर चुका है। यही नहीं, पार्टी के भीतर से भी दायित्व वितरण जल्द करने पर जोर दिया जा रहा है। तर्क यह दिया जा रहा है कि जब दायित्व बांटे ही जाने हैं तो इसमें अब देरी नहीं की जानी चाहिए। वैसे भी अगले वर्ष लोकसभा चुनाव हैं। दायित्व बांटे जाने से चुनावी तैयारियों को भी बल मिलेगा।

Spread the love

admin

सच की आवाज हिंदी भाषा मे प्रकाशित राष्ट्रीय दैनिक प्रसारण तथा डिजिटल के माध्यम से विश्वसनीय समाचारों, सूचनाओं, सांस्कृतिक एवं नैतिक शिक्षा का प्रसार कर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में प्रयासरत है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *