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बारिश की वजह से उत्तराखंड के 1296 जगहों पर खतरे की घंटी, 411 जेसीबी और 1933 कर्मी तैनात

प्रदेश में वर्षाकाल के दौरान दुर्घटना संभावित क्षेत्र शासन की चिंता बढ़ाएंगे। प्रदेश में 1296 ऐसे दुर्घटना संभावित क्षेत्र हैं, जिनका अभी तक उपचार नहीं हो पाया है। इसी प्रकार 308 भूस्खलन संभावित क्षेत्र हैं, जिन पर नजर रखे जाने की जरूरत है। वहीं 2977 किमी लंबी सड़क ऐसी शेष है, जिसमें क्रैश बैरियर लगाए जाने हैं। शासन ने इसके मद्देनजर 411 जेसीबी मशीन समेत 787 मशीनें इन मार्गों पर तैनात की है। साथ ही 1933 कार्मिकों की भी तैनाती की है।
प्रदेश में वर्षाकाल के दौरान पर्वतीय जिलों में मार्ग जगह-जगह अवरुद्ध हो जाते हैं। इन मार्गों को खोलने में देरी के कारण स्थानीय निवासियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसे देखते हुए लोक निर्माण विभाग ने इससे निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। दुर्घटना संभावित मार्गों पर मशीनें व कार्मिक लगाए जा रहे हैं। इनकी खंडवार तैनाती की जा रही है।
इसके साथ ही कर्मचारियों को वाकीटाकी भी उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि त्वरित सूचना का आदान-प्रदान किया जा सके। विभाग ने वैकल्पिक वैली ब्रिज व पैदल पुलों की भी व्यवस्था की है। जिन जेसीबी मशीनों की तैनाती की गई है, उनमें जीपीएस सिस्टम युक्त मशीनें भी शामिल की गई हैं।
सभी जलाशयों व बैराज पर निगरानी को अधिकारी नामित कर दिए हैं। साथ ही मानक प्रचालन कार्यविधि भी जारी कर दी गई है, जिसमें जलस्तर बढऩे की स्थिति में तत्काल सूचना देने के साथ ही आवश्यक कदम उठाए जाने का विवरण शाामिल किया गया है।

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