उत्तराखंड में छह माह के अंदर राजस्व पुलिस की जगह रेगुलर पुलिस होगी तैनात, सरकार ने बनाया यह प्लान
राज्य कैबिनेट के राजस्व पुलिस क्षेत्र को नियमित पुलिस को सौंपने के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट ने शीघ्र कार्यवाही करने को कहा है।
अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने कैबिनेट के निर्णय के अनुसार राजस्व क्षेत्र में छह थाने, 20 चौकियों की स्थापना व पुलिस क्षेत्र के विस्तार का कार्य छह माह के भीतर पूर्ण करने करने को कहा है।
वनन्तरा रिसार्ट प्रकरण के बाद लिया गया निर्णय
पौड़ी जिले के अंतर्गत यमकेश्वर क्षेत्र के वनन्तरा रिसार्ट प्रकरण के बाद कैबिनेट ने हाल ही में राजस्व क्षेत्रों को चरणबद्ध तरीके से नियमित पुलिस को सौंपने का निर्णय लिया है।
इस कड़ी में सबसे पहले प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में थाने और चौकियां खोलने का शासनादेश जारी हो चुका है। पुलिस इस कड़ी में लगातार प्रस्ताव बनाकर शासन को सौंप रही है।
इससे पहले वर्ष 2018 में नैनीताल हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार को राजस्व पुलिस व्यवस्था समाप्त करते हुए राजस्व क्षेत्रों में नियमित पुलिस तैनात करने के आदेश दिए थे।
त्कालीन सरकार ने राजस्व पुलिस परंपरा को प्रदेश की अनोखी व देश की एकमात्र व्यवस्था बताते हुए इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के लिए याचिका दायर की थी। इस पर सोमवार को सुनवाई हुई।
सुप्रीम कोर्ट को दी गई राजस्व पुलिस के संबंध में जानकारी
सुनवाई की जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी ने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को राजस्व पुलिस के संबंध में कैबिनेट में लिए गए निर्णय की जानकारी दी गई।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कैबिनेट के निर्णय को छह माह के भीतर धरातल पर उतारने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार छह माह में थाने व चौकियां स्थापित कर दी जाएंगी। इसके लिए सभी डीएम व एसएसपी को जल्द से जल्द विस्तृत प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए हैं।