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अब धर्मनगरी में कुंभ मेला कार्यों की 24 घंटे निगरानी की जाएगी।



अब धर्मनगरी में कुंभ मेला कार्यों की 24 घंटे निगरानी की जाएगी। कार्यों की दैनिक रिपोर्ट मेलाधिकारी को सौंपी जाएगी। इसके लिए मेलाधिकारी दीपक रावत ने निगरानी समिति का गठन किया है। वहीं नए घाटों के निर्माण और पुराने घाटों के सौंदर्यीकरण कार्यों के लिए समयसीमा तय कर दी है।

मेलाधिकारी दीपक रावत ने कुंभ कार्यों को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उत्तराखंड सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने मेलाधिकारी केे बताया घाटों के सौंदर्यीकरण काम करीब 48 फीसदी पूरा कर लिया गया है। मेलाधिकारी ने घाटों के सौंदर्यीकरण कार्यों को दो नवंबर तक निपटाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अगर समय से काम पूरा नहीं किया गया तो कार्यदायी संस्था पर पेनाल्टी लगाई जाएगी।
मेलाधिकारी ने नहरबंदी के चलते अटके चारों घाटों के निर्माण कार्यों को भी 10 नवंबर तक पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कार्यों की निगरानी के लिए अपर मेलाधिकारी डॉ. ललित नारायण मिश्रा और हरबीर सिंह के नेतृत्व में निगरानी समिति का भी गठित कर दी। मेलाधिकारी दीपक रावत ने बताया कि निगरानी के लिए ड्यूटी रोस्टर भी तैयार किया गया है। निगरानी समिति 24 घंटे घाटों की निगरानी करेगी।

जहां नजर दौड़ाएंगे वहां नजर आएगी हरियाली:
महाकुंभ 2021 से पहले हरिद्वार के रोड़ी बेलवाला मैदान का कायाकल्प हो जाएगा, लेकिन मैदान कायाकल्प के लिए क्रंकीट का प्रयोग नहीं हो गया। केवल घास के प्रयोग से मैदान का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। यहां श्रद्धालु गंगा तट और हरियाली का एक साथ आनंद ले पाएंगे। हरिद्वार का रोड़ी बेलवाला मैदान जल्द ही शहर के सबसे बड़ा इको फ्रेंडली पार्क बनने जा रहा है। मेला प्रशासन ने पार्क के सौंदर्यीकरण योजना को अंतिम रूप दे दिया है।

मेलाधिकारी दीपक रावत ने बताया कि रोड़ी बेलवाला मैदान की लैंड स्केपिंग की प्रक्रिया पूरी तरह से ईको फ्रेंडली होगी। पूरे मैदान में घास ही घास नजर आएगी। घास की मदद से ही विभिन्न कलाकृतियां भी बनाई जाएगी। जिनकों देखकर श्रद्धालुओं को अलग ही आनंद मिलेगा। मेलाधिकारी ने बताया कि यह मेला क्षेत्र में अपने तरह का पहला ईको फ्रेंडली पार्क होगा।
मेलाधिकारी के नेतृत्व में चलेगा गंगा सफाई महाअभियान
महाकुंभ 2021 से पहले जीवनदायिनी मां गंगा के अविरल जल को निर्मल किया जाएगा। रविवार को मेलाधिकारी दीपक रावत के नेतृत्व में हजारों हाथ गंगा सफाई के लिए उठेंगे। मेलाधिकारी ने सामाजिक संस्थाओं और आम लोगों से अभियान से जुड़ने की अपील की। गंगाजल को स्वच्छ बनाने के लिए अब जन सहयोग भी लिया जाएगा।

मेला प्रशासन यह पहल करने जा रहा है। मेलाधिकारी ने बताया गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए रविवार को गंगा सफाई महाअभियान चलाया जाएगा। गंगा के तल से निकलने वाली पूजा सामग्री, कपड़े, मूर्तियों को रिसाइकल करने लिए भी संस्थाओं की मदद ली जाएगी। शारीरिक दूरी और सुरक्षा नियमों के पालन के साथ गंगा सफाई की जाएगी।

वॉल पेंटिंग में रामायण और महाभारत के होंगे दर्शन:
अलकनंदा घाट से ललतारौं पुल तक कांवड़ पटरी पर बनी दीवार पर अध्यात्मिक वॉल पेंटिंग बनाई जाएगी। रामायण और महाभारत चर्चित प्रसंगों को पेंटिंग के माध्यम से दीवारों पर उकेरा जाएगा। इसके लिए एक्सप्रेशन ऑप इंटरेंट निकालर पेंटरों को आमंत्रित किया गया है। वहीं मेलाधिकारी ने सिंचाई विभाग को घाटों के पास सिल्ट को हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा प्रत्येक घाट तक पर्याप्त मात्रा में गंगाजल पहुंचना चाहिए।

लाइट पोल लगाने से पहले क्राउड मैनेजमेंट:
मेला क्षेत्र में लाइट पोल लगाने से पहले क्राउड मैनेजमेंट की प्लानिंग की जाएगी। जिससे कार्य के दौरान लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े। अगर क्राउंड मैनेजमेंट फेल होता है तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं हरकी पैड़ी पर विकलांग लोगों को घाटों पर तक पहुंचाने के इस बार विशेष सुविधा होगी। घाट पर बिजली से संचालित होने वाली मोटराइज्ड व्हील चेयर लगाई जाएगी। इसके साथ ही हरिद्वार में विभिन्न चौराहों पर बड़ी संख्या में फ्लड लाइट लगाई जाएगी। वहीं पूरे मेला क्षेत्र में बेहतर पथ प्रकाश व्यवस्था सोलर स्ट्रीट लाइट भी लगाई जाएगी। पुलों, घाटों और पार्कों के पर रंगबिरंगी लाइट भी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनेगी।

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