कोरोना से स्वस्थ हो चुके रोगियों को किसी भी सूरत में अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में उपचार के बाद स्वस्थ होकर घर लौट रहे कोविड संक्रमित मरीजों के लिए एम्स के चिकित्सकों ने एडवाइजरी जारी की है। विशेषज्ञ चिकित्सकों ने फिजिकल डिस्टेंसिंग और मास्क का नियमित तौर पर उपयोग करने व जरूरी दवाओं का अनिवार्य रूप से सेवन करने की सलाह दी है। एम्स ऋषिकेश को कोविड हायर सेंटर घोषित किया गया है। जहां कोरोना वायरस से ग्रसित मरीजों के उपचार के लिए 400 बेड का स्पेशल कोविड सेंटर संचालित किया जा रहा है।
एम्स अस्पताल में मार्च 2020 से अब तक 1650 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। जबकि वर्तमान में एम्स ऋषिकेश स्थित कोविड हायर सेंटर में 147 मरीज उपचाराधीन हैं। कोरोना को मात देकर एम्स अस्पताल से अपने घरों को सकुशल लौट चुके मरीजों को एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने सुझाव दिया है कि स्वस्थ हो चुके रोगियों को किसी भी सूरत में अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण को लेकर आईसीएमआर द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित करना सभी का कर्तव्य है, तभी हम कोविड-19 के संक्रमण से स्वयं और अपने परिवार को बचा सकते हैं। उन्होंने नियमित व्यायाम करने और हमेशा गर्म पानी का ही सेवन करने की सलाह दी। कहा कि ऐसे मरीजों के लिए किसी भी प्रकार का नशा धूम्रपान, मद्यपान आदि घातक साबित हो सकता है।
डीन हॉस्पिटल अफेयर्स प्रो. यूबी मिश्रा ने बताया कि ऐसे मरीजों से भीड़-भाड़ वाले इलाकों से दूरी बनाए रखने, किसी भी स्थान पर 15 मिनट से अधिक समय तक नहीं रहने, हैंड हाईजीन, फिजिकल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क को अनिवार्यरूप से उपयोग में लाने को कहा है। उन्होंने बताया कि ऐसे मरीज विटामिन सी, जिंक और मल्टी बिटामिन दवाओं का सेवन करना न भूलें। सांस लेने में तकलीफ वाले कोविड संक्रमित मरीजों को सलाह दी गई है कि वह छाती के बल लेटने की आदत डालें, ऐसा करने से उनकी स्वसन प्रणाली में सुचारू से कार्य करने में मदद मिलेगी।