श्रीदेव सुमन विवि के छात्र-छात्राओं के लिए खुशखबरी।



विवि प्रशासन ने इसी शिक्षा सत्र से प्री पीएचडी शुरू करने का फैसला लिया है। 15 विषयों में प्री पीएचडी के लिए 70 सीटें निर्धारित की गई हैं। प्री पीएचडी का पाठ्यक्रम भी विवि ने तैयार कर लिया है। संबद्ध महाविद्यालयों में प्री पीएचडी कोर्स कराने के लिए अब विवि को योग्य शिक्षकों की तलाश है।

पहली बार श्रीदेव सुमन विवि प्री पीएचडी कराने जा रहा है। प्री पीएचडी में दाखिले के लिए विवि प्रशासन ने पहले जुलाई में प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की तैयारी की थी, लेकिन कोरोना संक्रमण और लॉकडान के चलते विवि की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई थी।

शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए विवि ने सेंट्रल हिमालयन एनवायरमेंट एसोसिएशन से 2019 में एमओयू भी कर लिया है, लेकिन विवि से संबद्ध महाविद्यालयों से सीटों की संख्या और विषयों की रिपोर्ट मिलने में हुए विलंब के चलते विवि सीटों की संख्या का सही निर्धारण नहीं कर पाया था। कुलपति डॉ. पीपी ध्यानी ने बताया कि प्री पीएचडी कराने के लिए 15 विषयों में 70 सीटें निर्धारित कर ली गई हैं। हर साल इसी शिक्षा सत्र में प्री पीएचडी शुरू होगी।

कुलपति डॉ. ध्यानी ने बताया कि पहले चरण में सिर्फ राजकीय महाविद्यालयों में प्री पीएचडी होगी। गाइडों का सिलेक्शन के लिए कमेटी का गठन किया गया है। यूजीसी के मानकों के अनुसार सीनियर प्रोफेसर और रीडर चयन की प्रक्रिया चल रही है। कुलपति ने कहा कि शोध कार्यों का लाभ स्थानीय सुमदाय को मिले, इसलिए विवि सभी विषयों में स्थानीय मुद्दों पर ही शोध कराने पर विशेष फोकस करेगा।

इन विषयों में होगी प्री पीएचडी:
हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, राजनीतिशास्त्र, शिक्षाशास्त्र, सैन्य विज्ञान, कॉमर्स, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, जंतु विज्ञान, भू-गर्भ विज्ञान, गणित।


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